“सच है, विपत्ति जब आती है,
कायर को ही दहलाती है,
सूरमा नही विचलित होते,
क्षण एक नहीं धीरज खोते,
विघ्नों को गले लगाते हैं,
काँटों में राह बनाते हैं
है कौन विघ्न ऐसा जग में,
टिक सके आदमी के मग में?
खम ठोक ठेलता है जब नर,
पर्वत के जाते पाँव उखड़,
मानव जब ज़ोर लगाता है,
पत्थर पानी बन जाता है।”
राष्ट्रकवि आदरणीय रामधारी सिंह दिनकर जी की इन प्रेरक पंक्तियो को चरितार्थ किया है “एक मुलाकात, शिक्षा तरु के साथ” की अगली कड़ी के खास मेहमान आदरणीय योगेश कथुनिया जी ने।
अदम्य इक्षाशक्ति के धनी, प्रेरणादायक व्यक्तित्व और विपरीत परिस्थितियों में भी हिम्मत न हारने वाले योगेश जी ने टोक्यो पैरालम्पिक 2020 (2021 में सम्पन्न) में पुरुषों की चक्का फेंक स्पर्धा (Discus Throw) के एफ- 56 (F-56) वर्ग में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए सिल्वर मेडल जीतकर पूरी दुनिया में भारत का परचम लहराया है। उनकी इस ऐतिहासिक सफलता ने पूरे देश के युवाओं में जोश भर दिया है। महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और देश के कई गणमान्य लोगों ने योगेश जी से मिलकर उनकी स्वर्णिम सफलता जश्न मनाया है।
करीब 8 साल की मासूम उम्र में योगेश कथुनिया जी को पैरालिसिस का झटका लगा और जीवन मे एक स्याह अंधकार का अहसास होने लगा। ऐसे समय में उनकी माँ ने फिजियोथेरेपी का कोर्स किया और अपने बेटे की अनवरत देखभाल की। उनकी कोशिश और योगेश जी की आगे बढ़ने की जिजीविषा ने रंग लाया और फिर योगेश जी ने मुड़कर नहीं देखा। सेठ किरोड़ीमल कॉलेज, दिल्ली से पढ़ाई के साथ डिस्कस थ्रो का अनथक अभ्यास करते रहे और उनके प्रयास ने उनके सपनों में रंग भर डाला।
आदरणीय योगेश कथुनिया जी के बेहद ही प्रेरणादायक जीवन कहानी को जानने के लिए हमारे विशेष कार्यक्रम “एक मुलाकात, शिक्षा तरु के साथ” के साथ जुड़ने का विनम्र आमंत्रण स्वीकार करें।
समय: शाम 05 से 06 बजे तक।
दिनांक: 17.10. 2021
आभार: शिक्षा तरु परिवार।